अब शक के आधार पर ज्वालापुर पुलिस ने अहबाबनगर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी जयनेंद्र सिंह के पास से नकली पिस्टल, दारोगा की वर्दी के अलावा फर्जी वायरलेस सेट और एक बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने सभी को कब्जे में लेकर सीज कर दिया है।
आरोपी जयनेंद्र के अनुसार उसने घरवालों को भी झूठ बोला था कि वह उत्तराखंड पुलिस में दारोगा बन गया है। बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद वह पांच माह पहले ही पुलिस में भर्ती हुआ है। इन दिनों लॉकडाउन होने के कारण ड्यूटी बढ़ गई है। परिवार वाले भी उसे दारोगा ही मानते थे। आसपास के लोगो का कहना है कि अक्सर जयनेंद्र इसी तरह तैयार होकर घर से निकला करता था।
पुलिस ने इस फर्जी दारोगा से कई घंटे तक उस के द्वारा की गई उगाई को लेकर पूछताछ की। लेकिन आरोपी ने एक भी जगह से उगाई नहीं की थी ऐसा पता चला है । पिछले कुछ दिनों पहले एक सिपाही ने ही पुलिस को शिकायत की थी कि एक ऐसे दरोगा घूम रहा है जिनको कभी नहीं देखा है।
मूल रूप से मिर्जापुर इलाहाबाद निवासी जयनेंद्र सिंह (25) परिवार के साथ रोशनाबाद सिडकुल में रहता है। बीते कुछ दिनों से जयनेंद्र दारोगा के कपड़े पहनकर अपने घर रोशनाबाद से बाइक पर सवार होकर निकलता था। गुरुवार को जयनेंद्र बैरियर और गश्त पर मिले सिपाहियों को फटकार लगाता हुआ ज्वालापुर पहुंचा। ज्वालापुर अहबाबनगर में संदेह होने पर कुछ पुलिसकर्मियों ने जयनेंद्र को रोक लिया था।
ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी योगेश सिंह देव इसके बाद मौके पर पहुंचे। दारोगा के कपड़े पहने हुए जयनेंद्र से पूछताछ शुरू हो गई। आईडी कार्ड मांगा तो दरोगा ने अपने आप को पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) से आया स्पेशल ऑफिसर बताया। जब कुछ सवाल पूछे गए तो जयनेंद्र जवाब नहीं दे पाया। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो युवक ने पूरी कहानी बयां कर दी। युवक अभी पुलिस हिरासत में है।